देहरादून. गांधी जयंती के मौके पर सूबे के 8 कैदियों को रिहा करने का फैसला किया गया है. केन्द्र के आदेश पर उन सभी 8 कैदियों की लिस्ट बना ली गई है. जिनका आचरण जेल के अंदर अच्छा है, और वह अपनी दो तिहाई सजा काट चुके हैं. जेल प्रशासन ने 27 कैदियों के नामों को भेजा था, लेकिन सरकार की तरफ से सिर्फ 8 कैदियों को छोड़ने की इजाजत मिली है.
छोड़े जाने वाले सभी कैदी अपनी दो तिहाई सजा काट चुके हैं. गांधी जयंती पर 8 कैदी रिहा कर दिये जायेंगे. केन्द्र ने सरकार को निर्देश जारी कर दिये हैं.
देश की आजादी के लिए महात्मा गांधी ने जितना किया है शायद ही किसी ने किया हो. 2 अक्टूबर के दिन गांधी जयंती के अवसर पर हर साल देश भर में गांधी जी को याद किया जाता है, लेकिन इस बार की गांधी जयंती कई मायनों में खास है. केन्द्र सरकार जहां 2 अक्टूबर को लेकर बड़े कार्यक्रम करवा रही है तो वहीं इस बार महात्मा गांधी कुछ लोगों की आजादी के एक बार फिर से कारण बनने जा रहे हैं.
जी हां केन्द्र सरकार के आदेश पर देश के अलग-अलग राज्यों की जेलों में बंद कैदियों को इस बार रिहा किया जा रहा है, जो अपनी सजा दो तिहाई से ज्यादा काट चुके हैं. उनको उनके आचरण व्यवहार को देखते हुए इस बार रिहा किया जा रहा है. उत्तराखंड में भी ऐसे 8 कैदी जो गांधी जयंती के अवसर पर रिहा होंगे इसके लिए शासन ने मुख्यमंत्री और राज्यपाल की अनुमति लेने के बाद आदेश भी जारी कर दिया है.
गृह सचिव आनंद वर्धन की मानें तो केन्द्र सरकार से गाइडलाइन जारी हुई है. 2 अक्टूबर के मौके पर उन सभी कैदियों की लिस्ट बनाई गई है जिनका आचरण जेल के अंदर अच्छा है और वह अपनी दो तिहाई सजा काट चुके हैं. राज्य सरकार ने इसमें भी केटेगरी रखी थी कि जिनकी हालांकि शासन ने 27 कैदियों के नामों को भेजा था. लेकिन सरकार की तरफ से मात्र 8 कैदियों को छोड़ने की ही संस्तुति शासन को प्राप्त हुई है.
जिन कैदियों को छोड़ने का फैसला किया गया है उनमें गुड्डू चौहान और कुलदीप- देहरादून, संजय- ऋषिकेश, हसमुल्ला- देहरादून, सोनू – ऋषिकेश, शालू – ऋषिकेश, मोंटी – हरिद्वार और गोविन्द सिंह – रुद्रप्रयाग शामिल हैं.
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