अलीगढ़. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जिन्ना का जिन्न खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. पांच माह पूर्व भी जिन्ना की तस्वीर को लेकर अमुवि से लेकर देश की राजनीति में भूचाल आ गया था. इसके बाद भी गांधी जयंती के अवसर पर अमुवि की मौलाना आजाद लाइब्रेरी में आयोजित प्रदर्शनी में गांधी के साथ जिन्ना की तस्वीर को लगाकर नये विवाद को जन्म दे दिया है. वहीं अमुवि प्रशासन और कुछ छात्रों का मानना है कि इस प्रदर्शनी में गांधी जी के जीवन पर आधारित चित्र ओर पुस्तकों का प्रदर्शन किया गया है. जो गलत नहीं फिर भी लाइब्रेरी के लाइब्रेरियन को नोटिस देकर जबाब तलब किया गया है.
कुछ छात्रों का मानना है कि जिस व्यक्ति का आजादी के बाद से हिंदुस्तान के इतिहास से कोई सरोकार नहीं है, तो फिर जिन्ना की तस्वीर का हर बार अमुवि में प्रदर्शन कर नए विवाद को जन्म क्यों दिया जा रहा है. इससे अमुवि ओर छात्रों का भला नहीं होने वाला है.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर अमुवि की मौलाना आजाद लाइब्रेरी में गांधी जी पर आधारित प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था. जिसमें गांधी जी पर आधारित पुस्तकों ओर गांधीजी के समकालीन राजनेताओं के साथ रहे चित्रों का प्रदर्शन किया गया. जिसमें विभिन्न नेताओं के अलावा गांधी जी के साथ मोहम्मद अली जिन्ना का भी चित्र है. सिर्फ गांधी की जीवन पर आधारित प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है. प्रदर्शनी दो दिन की थी इसलिये प्रदर्शनी के समापन होने पर सभी चित्रों को हटा दिया गया है. अमुवि इंतजामिया ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए जिन्ना की गांधीजी के साथ तस्वीर प्रदर्शित करने पर नोटिस देकर जवाब तलब किया है.
गांधी जी देश की धरोहर हैं. गांधीजी पर आधारित प्रदर्शनी में उनके ऊपर आधारित पुस्तक ओर चित्रों का प्रदर्शन किया गया. गांधी जी और जिन्ना के बीच आपस में बहुत प्रेम था. यह उस समय का फोटो है, लेकिन कोई विवाद न हो इसलिए यह फोटो हटा दिया गया, लेकिन जिन्ना के फोटो को हटाया जा सकता है. अगर गांधी के साथ जिन्ना का फोटो है तो गांधी जी के फोटो नष्ट नहीं किया जा सकता, क्योंकि गांधी जी हमारी धरोहर हैं.
गत मई माह में भी जिन्ना की तस्वीर को लेकर अमुवि में बवाल मचा था, फिर भी जिन्ना की तस्वीर का प्रदर्शन करके नये विवाद को जन्म दिया गया है, जो गलत है, बहुत से ऐसे लोग हुए हैं जिनके कारण देश मे नरसंहार हुए हैं. उनकी तस्वीर हम नहीं लगाते. जिन्ना देश के बंटवारे के जनक रहे और बटवारा कराया, फिर जिन्ना की तस्वीर लगाने का क्या औचित्य है, इससे छात्रों ओर अमुवि का कोई भला नहीं होने वाला है.
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