एटा. सड़क हादसे में घायल हुए बच्चे को अस्पताल तक लाने के लिए ज़िला अस्पताल ने एक पिता को स्ट्रेचर तक उपलब्ध नहीं कराया. बच्चे के साथ हुई दुर्घटना के बाद बेबस बाप अपने जिगर के टुकड़े को गोद में उठाकर इलाज के लिए अस्पताल पहुंचा.
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार स्वास्थ्य विभाग के लिए कितनी भी योजनायें क्यों न चला रही हो लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. ताजा मामला एटा के जिला अस्पताल में देखने को मिला जहाँ एक सड़क हादसे में घायल बच्चे को उसका पिता अस्पताल में भर्ती कराने के लिए लाया था. जिसमें अस्पताल कार्मियों की लापरवाही से उसे स्ट्रेचर भी नहीं मिला और उसे अपने जिगर के टुकड़े को अपनी गोद में ही लेकर अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. जब इस बारे में सीएमओ से बात की तो उन्होंने जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही.
मामला थाना कोतवाली क्षेत्र के बनगांव का है जहाँ 12 वर्षीय बच्चा कमल सड़क हादसे में घायल हो गया था. जिससे उसका पिता चेते लाल अस्पताल में भर्ती कराने के लिए लाया था. जब वह अस्पताल पंहुचा तो उसने अपने अपने बच्चे के लिए स्ट्रेचर की मांग की तो वहाँ मौजूद बार्ड बाय ने स्ट्रेचर नहीं होने की बात कह कर मना कर दिया. तो लाचार पिता ने अपने पुत्र कमल को अपनी गोद में ही लेकर अस्पताल पंहुचाया, जहाँ उसने उसे भर्ती कराया गया, उसके बाद उसका इलाज संभव हो सका.
जब इस बारे में सीएमओ से बात की गई उन्होंने बताया कि अस्पताल में स्ट्रेचर की कोई कमी नहीं है और अस्पताल में स्ट्रेचर पर्याप्त मात्रा में हैं. इसमें एक प्राइवेट कंपनी द्वारा रखे गए वार्ड ब्वाय ने इस तरह की हरकत की. वह लोग सही कार्य नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मामले की जांच करा कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, और आगे से इस तरह की घटना दोबारा से नहीं होने दी जाएगी. अब देखना होगा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी का आदेश कितना असर करता है.
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