इलाहाबाद. संगम नगरी प्रयागराज की धरती पर कुंभ में एक अनोखा दृश्य देखने को मिला. कुंभ मेले में 5 साल के बालक ने सन्यास लिया. सन्यास लेने वाला बच्चा लोगों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है. इस 5 साल के बालक ने बड़ा उदासीन अखाड़े में अपने गुरु के साथ यज्ञ में आहुति और मंत्रोच्चारण के साथ सन्यास की प्रक्रिया पूरी की.
संगम नगरी प्रयागराज में विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक मेला चल रहा है. धर्म, अध्यात्म की भूमि होने के साथ ही यहाँ त्रिवेणी गंगा-यमुना-सरस्वती का संगम है. ऐसे में कुंभ में ऐसे-ऐसे अनोखे, अद्भुत, और अकल्पनीय दृश्य देखने को मिल रहे हैं जो हमारे लिए कौतूहल और जिज्ञासा का विषय बने रहते हैं. ऐसा ही अनोखा दृश्य संगम नगरी के कुंभ मेले में बड़ा उदासीन अखाड़े में देखने को मिला. जहाँ एक 5 वर्षीय बालक अपने गुरु और पंडित के साथ यज्ञ पूजन करके सन्यास जैसी कठिन पद्धति को पूरा करता नज़र आया.
कुंभ में सन्यास की प्रक्रिया तीनों शाही स्नान में किसी स्नान को करने के पश्चात यज्ञ हवन में पूजन करने के बाद पूरी होती है. यह बालक बहराइच का है. जिसे आध्यात्म और सनातन संस्कृति की परम्परा की शिक्षा के लिए गुरु की शरण में दिया गया है. गुरू की शरण में आने के बाद बालक की रुचि जिस संन्यास की ओर होती है उसे वही सन्यासी बनाया जाता है. इसमें हठ योगी, नागा सन्यासी, सत्संग कथा वाचक, आदि सन्यास होते हैं.
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