वाराणसी. भूमि अधिग्रहण में अपनी जमीनें गंवाने वाले किसानों ने पीएम मोदी को खून से पत्र लिखा है. मोहनसराय ट्रांसपोर्ट नगर के किसानों का कहना है कि भूमि अधिग्रहण कानून का पालन करते हुए वैधानिक रूप से हमें हमारी जमीन वापस चाहिए. हमें बजट में किसी प्रकार की खैरात नहीं चाहिए.
मोहनसराय ट्रांसपोर्ट नगर योजना से प्रभावित बैरवन, कन्नाडाडी, सरायमोहन और मिल्की चक के किसानों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को खून से पत्र लिखा है. अभियान का नेतृत्व करते हुए किसान कांग्रेस के नेता विनय शंकर राय "मुन्ना" ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के किसान लगातार अपने वैधानिक अधिकार के लिए प्रधानमंत्री से गुहार लगा रहे हैं. आजिज़ आकर बसंत पंचमी के पावन पर्व के दिन खून से खत लिख रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी की कुम्भकरणी नींद नहीं टूट रही है.
मोहनसराय ट्रांसपोर्ट नगर योजना से प्रभावित बैरवन, कन्नाडाडी, सरायमोहन एवं मिल्की चक के किसानों ने बैरवन बगीचे में इकट्ठा होकर अपने सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को खून से पत्र लिखा. किसानों ने खून से लिखी पाती में प्रधानमंत्री मोदी से यह मांग की है कि हमें भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के खण्ड 24 की धारा 5(1) के तहत ट्रांसपोर्ट नगर योजना रद्द करके मोहनसराय ट्रांसपोर्ट नगर से प्रभावित 1194 किसानों की जमीन वैधानिक रूप से वापस की जाए.
किसानों ने कहा कि हमें न बजट के अनुसार 6000 रुपये सालाना चाहिए, न किसी भी सरकारी योजना का लाभ चाहिए, हमें खैरात नहीं वैधानिक अधिकार चाहिए. अभियान का नेतृत्व करते हुए किसान कांग्रेस के नेता विनय शंकर राय "मुन्ना" ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के किसान लगातार अपने वैधानिक अधिकार के लिए प्रधानमंत्री से गुहार लगा रहे हैं. आजिज़ आकर बसंत पंचमी के पावन पर्व के दिन खून से खत लिख रहे हैं.
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